दूरदर्शन और द पब्लिक एजेंडा (१-१५ मार्च २०१२)से साभार
रामाज्ञा शशिधर हमारे जेएनयू की उपज हैं। पहली बार मैंने इसी रूप में इनको जाना था। आजकल तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर हैं। अब चूंकि ये रहनेवाले सिमरिया घाट के हैं। बनारस में इनको नौकरी मिली, और बनारस में जहां वे रहते हैं, रामनगर के ठीक सामने गंगा किनारे सामने घाट है। तो सिमरिया घाट से सामने घाट तक ये पहुंचे हैं। यानी घाट घाट का पानी पीकर।