23 जून, 2014
तानाशाही के दौर में जादुई यथार्थवाद पर बहस जरूरी है : पंकज बिष्ट
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19 जून, 2014
गाँव में दो पीढ़ियों के बीच का धागा टूट गया
रामाज्ञा शशिधर
गाँव में दो पीढ़ियों के बीच का धागा लगभग टूट गया है.ताने को बाने का और बाने को ताने का पता नहीं है.नई पीढ़ी के लिए पुरानी पीढ़ी उस पुराने अबूझ गीत की तरह है जिसका रिमिक्स नहीं बन सकता.पुरानी पीढ़ी के लिए नई पीढ़ी डीजे का कानफोडू शोर है जो सिर्फ पुराने दिलों की धमनी को तोड़ रहा है. इसे समाजशास्त्री लोग 'जेनेरेशन गैप' कहते हैं लेकिन मेरे लिए यह बदलाव पुराने गाँव का नए बनते कथित गाँव से पूर्ण संबंध विच्छेद है.
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