30 जनवरी, 2012
बनारस में साहित्य की नयी लहर
02 जनवरी, 2012
कल गुरु काशीनाथ पचहत्तर के हो गए और मै बकैत .दुनिया जब नए साल का जन्म दिवस माल,रेस्तरां और हाल में पिज्जा,बेबीकोर्न क्रिप्सी,फेनी और कोलावेरी डी में डूबकर मना रही थी तब अस्सी के बकैत अड़ीबाज बर्थडे ब्वाय मि. के. नाथ की ७५ वी पार्टी को पोई की चाय संसद में गोल-लम्बे गुब्बारे,गेंदे-गुलाब के गुलदस्ते,गली के सरियल कुक्कुर की तरह केंकियाते हार्न,पत्थर की रेलिंग पर चूतरों से घिसी चट्टी के सहारे बोकिया रहे थे.
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