{कोविड समय}
कठिन समय के दो साथी हैं:1.प्रकृति 2.किताबें
ऑनलाइन कक्षाएं ब्लैक होल की तरह लगती हैं।जहां बातचीत का कोई सिरा ही नहीं मिलता।
-दोस्त की तरह संवादी 1.गौरैया,बगेड़ी,मोर,कोयल,टिटहरी,काठखोदवा
2.छितवन,बादाम,गुलमोहर,बेल,जामुन,कटहल,आम,आंवला(ओह!पारिजात विपत्ति में सूख गया है!)
3.बुद्ध,कबीर,फ्रायड,मार्क्स,गांधी,नेहरू,दिनकर
4.व्हिटमैन,ब्रेख्त,मार्खेज, महमूद दरवेश
5.ग्रीन टी,वेनेगर,क्वाथ,गिलोय,सत्तू,सलाद और गरम पानी
6.मिट्टी,आकाश,सूर्य,चांद, सितारे और अंधकार
7.जो गुज़र गए या संघर्षरत
इंतज़ार फेसबुक पर नई अनहोनी का रहता है और जनता के इंकलाब का।
फेसबुक खोलते ही लगता है कि श्रद्धांजलि ही सरोकार है।
/ज़िंदगी इतनी सी है/
∆रामाज्ञा शशिधर
@दिनकर लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर,वाराणसी
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