छोड़ गया बाढ़ का पानी
तेरे संग की सघन निशानी
तेरे संग की सघन निशानी
डबडबाई आँखों सा गीला किनारा
बच गया
समय की पपनियों पर गाद
रच
गयाबच गया
समय की पपनियों पर गाद
रच
अस्थियाँ उग गईं याद की
बाद की
बाद की
खा गया मेरा गोश्त
पानी जो ठहरा पुराना दोस्त
पानी जो ठहरा पुराना दोस्त
जीवनहीन रेत पर
कछुए सी पड़ी हुई
पुकारती हूँ प्यार प्यार
यादों की क़ब्र में गड़ी हुई
2.
दोने में दोनों
साखू का सूखा हुआ दोना था मैं
गेंदे के गूदेदार फूल गुच्छ तुम
एक सांझ दोनों मिले
नदी के झूले पर झूल पड़े
दोनों जब गुँथे तब माटी का दीया
दोनों जब पिघले तब अलसी का तेल गला
दोनों में ज्वार आया बाती बेताब हुई
सुलग गए दोनों नदी पूरी आग हुई
बिछुड़कर हम तुम पानी पर चलते हैं
दोने में बैठकर रोशनी में ढलते हैं