🎧मालवीय चबूतरा का सफरनामा🎧
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♨वाचस्पति: मैं मालवीय चबूतरे पर लंबी उम्र जीने और खुली सांस लेने आता हूँ।
♨श्रीप्रकाश शुक्ल: मालवीय चबूतरा मेरे हृदय के कैम्पस को विस्तार दे रहा है।
♨रामाज्ञा शशिधर:मालवीय चबूतरा मेरी चेतना का बुद्ध और सुकरात है।
♨आशीष पांडेय:मालवीय चबूतरा मेरे लिए ज्ञान की सिम्फनी है।
♨विमल कुमार:मालवीय चबूतरा वह दुर्लभ जगह है जिसे मैंने फेसबुक की तस्वीर के एम्बियांस में दिखते शॉप से ट्रेस किया था।
♨रवि:मालवीय चबूतरा अनगिनत छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण की मुक्त पाठशाला है।
♨गौरव त्रिपाठी:मालवीय चबूतरा हमारी शिक्षा परंपरा का अभिनव प्रयोग है।
29 जनवरी, 2018
मालवीय चबूतरा :बनारस में नई गुरुकुल परंपरा
साहित्य लेखन , अध्यापन, पत्रकारिता और एक्टिविज्म में सक्रिय. शिक्षा-एम्.फिल. जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा पी.एचडी.,जे.एन.यू.से.
समयांतर(मासिक दिल्ली) के प्रथम अंक से ७ साल तक संपादन सहयोग.इप्टा के लिए गीत लेखन.बिहार और दिल्ली जलेस में १५ साल सक्रिय .अभी किसी लेखक सगठन में नहीं.किसान आन्दोलन और हिंदी साहित्य पर विशेष अनुसन्धान.पुस्तकालय अभियान, साक्षरता अभियान और कापरेटिव किसान आन्दोलन के मंचों पर सक्रिय. . प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए कार्य. हिंदी की पत्र-पत्रिकाओं हंस,कथादेश,नया ज्ञानोदय,वागर्थ,समयांतर,साक्षात्कार,आजकल,युद्धरत आम आदमी,हिंदुस्तान,राष्ट्रीय सहारा,हम दलित,प्रस्थान,पक्षधर,अभिनव कदम,बया आदि में रचनाएँ प्रकाशित.
किताबें प्रकाशित -1.बुरे समय में नींद 2.किसान आंदोलन की साहित्यिक ज़मीन 3.विशाल ब्लेड पर सोयी हुई लड़की 4.आंसू के अंगारे 5. संस्कृति का क्रन्तिकारी पहलू 6.बाढ़ और कविता 7.कबीर से उत्तर कबीर
फ़िलहाल बनारस के बुनकरों का अध्ययन.प्रतिबिम्ब और तानाबाना दो साहित्यिक मंचों का संचालन.
सम्प्रति: बीएचयू, हिंदी विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर के पद पर अध्यापन.
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